Song parody of
Dhoop Hai Kya Aur Saya Hai
by Jagjit Singh
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धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
ये सब खेल तमाशा क्या हैं अब मालूम हुआ
धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
हंसते फूल का चेहरा देखूं और भर आई आँख
हंसते फूल का चेहरा देखूं और भर आई आँख
अपने साथ ये किस्सा क्या हैं अब मालूम हुआ
धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
हम बरसो के बाद भी
उसको अब तक़ भूल ना पाए
हम बरसो के बाद भी
उसको अब तक़ भूल ना पाए
दिल से उसका रिश्ता क्या हैं अब मालूम हुआ
धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
सेहरा सेहरा प्यासे भटके सारी उम्र जले
सेहरा सेहरा प्यासे भटके सारी उम्र जले
बादल का इक टुकड़ा क्या हैं अब मालूम हुआ
धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
ये सब खेल तमाशा क्या हैं अब मालूम हुआ
धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
ये सब खेल तमाशा क्या हैं अब मालूम हुआ
धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
हंसते फूल का चेहरा देखूं और भर आई आँख
हंसते फूल का चेहरा देखूं और भर आई आँख
अपने साथ ये किस्सा क्या हैं अब मालूम हुआ
धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
हम बरसो के बाद भी
उसको अब तक़ भूल ना पाए
हम बरसो के बाद भी
उसको अब तक़ भूल ना पाए
दिल से उसका रिश्ता क्या हैं अब मालूम हुआ
धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
सेहरा सेहरा प्यासे भटके सारी उम्र जले
सेहरा सेहरा प्यासे भटके सारी उम्र जले
बादल का इक टुकड़ा क्या हैं अब मालूम हुआ
धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
ये सब खेल तमाशा क्या हैं अब मालूम हुआ
धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ