Song parody of
Tum Jabse Jeevan Mein
by Asha Bhosle
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तुम जब से जीवन में
खुशबु की तरह छाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये
कब जाने रैन गयी
कब दिन ढल जाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये
मैं हूँ वही तुम हो वही मौसम है वही
बिखरी हुई फूलों
पर शबनम है वही
फिर क्यों पुरानी आज
कहानी लगती है नयी
जब से नए मतलब
यह जीने के समझ पाये
कब जाने रैन गयी
कब दिन ढल जाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये
कौन सी यह मंजिल
है कैसा है सफ़र
इतनी हसीं पहले
नहीं लगती थी डगर
इन् राहों पे आओ बसा
ले सपनो का नगर
जब से मुझे प्यार भरे
इस मोड़ पे तुम लाये
कब जाने रैन गयी
कब दिन ढल जाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये
तुमने छुआ मुझपे
हुआ जाने क्या असर
अनदेखी उठने
लगी मन में इक लहर
क्यों न यह लम्हे मिलके
चुन ले हम तुम झुमकर
जब से तेरे गीत मेरे
इन होंठों पर आये
कब जाने रैन गयी
कब दिन ढल जाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये
तुम जब से जीवन में
खुशबु की तरह छाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये
कब जाने रैन गयी
कब दिन ढल जाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये
मैं हूँ वही तुम हो वही मौसम है वही
बिखरी हुई फूलों
पर शबनम है वही
फिर क्यों पुरानी आज
कहानी लगती है नयी
जब से नए मतलब
यह जीने के समझ पाये
कब जाने रैन गयी
कब दिन ढल जाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये
कौन सी यह मंजिल
है कैसा है सफ़र
इतनी हसीं पहले
नहीं लगती थी डगर
इन् राहों पे आओ बसा
ले सपनो का नगर
जब से मुझे प्यार भरे
इस मोड़ पे तुम लाये
कब जाने रैन गयी
कब दिन ढल जाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये
तुमने छुआ मुझपे
हुआ जाने क्या असर
अनदेखी उठने
लगी मन में इक लहर
क्यों न यह लम्हे मिलके
चुन ले हम तुम झुमकर
जब से तेरे गीत मेरे
इन होंठों पर आये
कब जाने रैन गयी
कब दिन ढल जाये
तुम जब से जीवन में खुशबु की तरह छाये